agricultural land tax शेतकऱियों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी! शेत ज़मीन से आय, आयकर विभाग की जांच और कर से संबंधित जानकारी प्राप्त करें। सही कागजात और प्रमाणों के साथ शेत ज़मीन की बिक्री करें।
agricultural land tax
शेतकऱियों को लंबे समय तक कृषि से प्राप्त आय पर कोई कर नहीं लगाया गया था, लेकिन अब आयकर विभाग शेत ज़मीन की बिक्री और कृषि से उत्पन्न होने वाली आय पर बारीकी से नज़र रख रहा है। agricultural land tax शेतकऱियों द्वारा कृषि आय पर कर बचाने के लिए अवैध तरीकों का इस्तेमाल किया गया तो वे आयकर विभाग के रडार पर आ सकते हैं। इस ब्लॉग में हम शेतकऱियों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी देंगे ताकि वे आयकर विभाग की जांच से बच सकें।

कृषि आय और आयकर
agricultural land tax कृषि से होने वाली आय और ज़मीन की बिक्री पर आयकर विभाग ने नज़र रखना शुरू कर दिया है। विशेष रूप से 50 लाख रुपये या उससे अधिक की कृषि आय दिखाने वाले मामलों की जांच की जा रही है। ऐसे मामलों में विभाग सख्त जांच कर रहा है। ऐसे में शेतकऱियों के लिए इन नियमों और कानूनों को समझना बेहद जरूरी है।
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मुख्य बिंदु:
- कृषि आय पर आयकर या जीएसटी लागू नहीं होता है।
- आयकर विभाग 50 लाख रुपये से अधिक की आय दिखाने वाले मामलों पर नज़र रखता है।
- बनावट कृषि आय दिखाने वाले मामलों की जांच की जाती है।

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आयकर विभाग की जांच और शेत ज़मीन से होने वाली आय
agricultural land tax आयकर विभाग शेत ज़मीन की बिक्री और कृषि आय पर बारीकी से नज़र रख रहा है। कुछ शेतकऱियों ने फर्जी कृषि आय दिखाने की कोशिश की है। इसलिए आयकर विभाग हर मामले की गहराई से जांच कर रहा है। शेत ज़मीन की बिक्री से लाभ प्राप्त करने वाले और कृषि आय दिखाने वाले शेतकऱियों को इन नियमों और कानूनों पर ध्यान देना चाहिए।
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आयकर विभाग की जांच से उत्पन्न समस्याएं:
- फर्जी आय दिखाने वाले शेतकऱियों को कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- आयकर विभाग ने शेत ज़मीन से प्राप्त आय पर संदेह के आधार पर जांच शुरू की है।

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कृषि आय पर आयकर नहीं, लेकिन शहरी ज़मीन की बिक्री पर कर है!
agricultural land tax आपने कभी सुना होगा, “कृषि आय पर कर नहीं लगता।” यह सच है, लेकिन शहरी ज़मीन की बिक्री पर नियम अलग हैं। शहरी क्षेत्रों में ज़मीन बेची जाती है, तो उस पर प्राप्त आय पर आयकर लागू होता है। कई शेतकऱियों ने अपनी गैर-कृषि ज़मीन का व्यवसायिक उपयोग किया है, और उस पर कर लागू किया गया है। इसलिये इन ज़मीनों की बिक्री से प्राप्त आय पर भी कर हो सकता है।
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आयकर कानून के तहत शेत ज़मीन पर कर कैसे लगाया जाता है?
agricultural land tax आयकर कानून के तहत, जो आय फसलों की बिक्री से प्राप्त होती है, उस पर कर नहीं लगाया जाता है, लेकिन शहरी ज़मीन की बिक्री और अन्य गैर-कृषि स्रोतों से प्राप्त आय पर कर लागू होता है। शेतकऱियों को अपनी कृषि से प्राप्त आय की सही जानकारी और कर की सही जानकारी देनी चाहिए।
महत्वपूर्ण बातें:
- फसलों की आय: कृषि आय पर आयकर नहीं।
- शहरी ज़मीन की बिक्री: इस पर कर लागू होता है।
- व्यवसायिक उपयोग के लिए फार्म हाउस: इस पर भी कर लागू होता है।

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कृषि आय का प्रमाण और उपग्रह चित्रों का उपयोग
agricultural land tax आयकर विभाग इस जांच में शेतकऱियों से प्रमाण मांग सकता है। उदाहरण के लिए, कृषि उत्पादन के लिए उपग्रह चित्रों का उपयोग करके इसका प्रमाण पेश किया जा सकता है। शेतकऱियों को यह साबित करना होता है कि उन्होंने कृषि की है। इसलिए शेत ज़मीन की बिक्री से पहले, उसके कागजात, राशि के दस्तावेज आदि सभी प्रमाण पत्रों की जांच करना बेहद महत्वपूर्ण है।
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टैक्स बचाने के लिए क्या करें?
agricultural land tax आयकर विभाग की जांच से बचने के लिए शेतकऱियों को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- सही प्रमाण पत्र और दस्तावेज़ तैयार रखें।
- शहरी ज़मीन की बिक्री से पहले उसका उपयोग और आय का विवरण घोषित करें।
- कर सलाहकार से सलाह लें, ताकि टैक्स बचाने और सही दस्तावेज़ रखने में मदद मिल सके।

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agricultural land tax आज के समय में आयकर विभाग की जांच के बढ़ते हुए कार्यों के कारण, शेतकऱियों को अपनी शेत ज़मीन से प्राप्त आय को सही तरीके से घोषित करना चाहिए। कृषि की बिक्री या उससे प्राप्त लाभ को सही कागजात और प्रमाणों के साथ दिखाना आवश्यक है। शेत ज़मीन की बिक्री से प्राप्त आय का दावा करते समय शेतकऱियों को अधिक सतर्क रहना होगा। यदि शेतकऱी सावधान रहते हैं, तो वे आयकर विभाग की जांच से बच सकते हैं।